स्वप्न हो तुम
डरता हूँ स्पर्श से
चले जाओगे
असीम शान्ति
अन्तहीन वेदना
अनूठा प्रेम
छू ही लूं तुम्हे
विलीन हो जाओगे
जी ही लूं तुम्हे
मन विकल
अंतिम स्पर्श तेरा
कैसा ये पल
डरता हूँ स्पर्श से
चले जाओगे
असीम शान्ति
अन्तहीन वेदना
अनूठा प्रेम
छू ही लूं तुम्हे
विलीन हो जाओगे
जी ही लूं तुम्हे
मन विकल
अंतिम स्पर्श तेरा
कैसा ये पल
धोखा नहीं मैं
सच तेरे दिल का
खुद से पूछो
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