शुक्रवार, 27 दिसंबर 2013

स्पर्श

स्वप्न हो तुम
डरता हूँ स्पर्श से
चले जाओगे



असीम शान्ति
अन्तहीन वेदना
अनूठा प्रेम



छू ही लूं तुम्हे
विलीन हो जाओगे
जी ही लूं तुम्हे



मन विकल
अंतिम स्पर्श तेरा
कैसा ये पल
 
 



धोखा नहीं मैं
सच तेरे दिल का 
खुद से पूछो

 

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