शनिवार, 18 फ़रवरी 2017

लव फ्रेंडशिप & पेन


इतनी व्यस्त लाइफ में अनजान नंबर को आने पे अजीब चिढ़चिढाहट सी होती है लेकिन लगातार बजने पर गुस्से में ज्यों ही मोबाइल उठा के कान में लगाया तो दूसरी तरफ से वही आवाज जिसको 12 साल पहले अपने माँ बाप की इज्ज़त और अपनी जिम्मेवारियों के की बजह से एक अजनबी के साथ फेरे लेते हुए दफ़न कर दी थी हमेशा के लिए....एक हेलो से जिंदगी का एक लंबा हिस्सा फ़्लैश बैक हो गया कुछ ही सेकेंड्स में....हेलो सागर, दोबारा सुनते ही जैसे जमीन पे आ गया. हाँ दिया कैसी हो एक फॉर्मल सवाल ही पूछ पाया ..ठीक हूँ कॉफी पीनी है तुम्हारे साथ ..और सारी मीटिंग्स जरुरी काम छोड़ के 1 घण्टे बाद मैं दिया के साथ उस जगह बैठा था जहाँ उसके साथ जिंदगी के सारे सपने और छोटी छोटी सी चीजें बुनी थी यहाँ तक कि जब कार लेगे तो उसका कलर क्या होगा बच्चों के नाम क्या होंगे घर में कौन सा पेंट करवाएंगे...डेली मुझे गाजर का हलवा खिलाओगी तुम अपने हाथो से क्योंकि सारी पाक कला तुम इसी में लगा देती हो...और तुम मुझे आइसक्रीम खिलाओगे रोज चाहे लंच डिनर मिस कर दूँ लेकिन आइसक्रीम नहीं ..सारे सपने यही तो देखे थे.सब कुछ बैसा ही था कॉफी शॉप में बस नयी थी इस बार 12 साल बाद मिलने के बाद एक अजीब सी ख़ामोशी...वक़्त जैसे ठहर गया ...दोनों एक दूसरे से आँखे चुरा रहे थे...फिर जब बातों का सिलसिला खुला तो दोनों के उस समय के रिश्ते के अलावा बाकी सब कुछ शेयर हुआ...दोनों ने अजनबियों से शादी की दोनों की फैमली पूरी तरह सेटल है.. दोनों के जीवन साथी बहुत ज्यादा प्यार करते है दोनों से...बस पति के इसी शहर में ट्रान्सफर के बाद दिया ने ढूंढ ही लिया सागर को..2 घंटे कॉफी शॉप में बैठने के बाद क्लियर हो गया था कि दोनों बहुत बहुत खुश है अपनी अपनी जिंदगी में.....लेकिन
.....किस बात की कमी किस बात की तलाश थी....12 साल क्या मिस करते रहे दोनों हमेशा....सब ठीक है कह के बाय बोल दिया...अपने अपने घर आके दोनों ने मन में सोचा...सब अलग अलग किया दोनों ने ...कार का कलर जबरदस्ती दूसरा लिया..बच्चों के नाम अलग थे दोनों के...घर में कभी भी वो पेंट नहीं हुआ...सागर ने 12 साल से कभी गाजर का हलवा नहीं खाया..और दिया ने आइसक्रीम नहीं खायी..सब तो भुला दिया था यार कोई कमी नहीं थी
..दोनों ने एक दूसरे के नंबर डिलीट कर दिए अपने अपने मोबाइल से.अब नहीं मिलेगे............लेकिन..................
आज कल कुछ ज्यादा ही खुश लग रही हो पति का ये सवाल सुनते ही दिया का चेहरा ऐसे हुआ जैसे कोई चोरी पकड़ गयी हो..नहीं तो ये कह कर पति की पसन्द का लंच देकर उनको ऑफिस के लिए सी ऑफ करने के बाद, आँख बन्द करके अपने अंदर के तूफान को शांत करने की कोशिश को व्हाट्स एप के नोटिफिकेटशन ने बीच में तोड़ दिया...सागर का मैसेज ...सुनो दिया पति और बच्चों को लेके अगले सन्डे घर आओ मेरे बेटे का बर्थडे है...अच्छा क्या कहोगे तुम और कहूँगी मैं कि कौन है दिया ने एक स्माइली साइन के साथ पूछा....फैमिली मीटिंग का प्रोग्राम सर्वसम्मति से नकार दिया गया....
आज शाम कॉफी शॉप की मुलाकात कुछ नयी सी थी 12 साल बाद दिया ने अपने मन से ऑरेन्ज कलर पहना था...अभी भी ऑरेन्ज तुमपे इतना खिलता है यार सागर ने स्माइल दी...12 साल बाद पहना है ये जवाब दिया के अंदर कही दबा रह गया ... 12 साल तक दोनों हर उस चीज को दबाते रहे उस से बचते रहे जो एक दूसरे की याद दिलाती थी...दूसरे रंगो में दूसरे फूलों में दूसरी खुशबू में अपनी संतुष्टि ढूंढते रहे....अजीब सा था इतने समय बाद उन चीजो के बारे में सोचना....2 घण्टे बात करते रहे 12 साल की सारी बातें जैसे 2 घंटे में ही एक दूसरे को बताना चाहते हों...सब कुछ बच्चों के बारे में , लाइफ पार्टनर्स के बारे में ,हम कितने ज्यादा खुश है इस बारे में , हमारे पास सब कुछ है कोई कमी नहीं है इस बारे में ...जब से अलग थे उस बीच का ज्यादातर एक दूसरे को सुनाया........बस एक सवाल दोनों दबाते रहे अंदर.....मेरे बिना तुमने कैसा महसूस किया...................दोनों जानते थे ये सवाल दोनों के सब्र का बांध तोड़ देगा...फाइनली आज फिर से डिसाइड हुआ अब नहीं मिलेगे ..लेकिन इमरजेंसी के लिए नम्बर सेव रखेंगे....गाजर के हलवे की पैकिंग दिया ने नहीं निकाली...और सागर ने भी आइसक्रीम आर्डर नहीं की....हजार सवाल दोनों की आँखों में आखिरी 15 मिनट ख़ामोशी से बीते...चुपचाप उठे और इस बार बिना बाय करे अपनी अपनी गाड़ी में बैठ के चले गए....कुछ नमी सी इस बार आँखों के किनारे पे दोनों के लेकिन क्यों ये समझ नहीं आ रहा शायद आँखों में कुछ रह गया हो....
लाइफ एक रूटीन पे चलती है तो काफी बोरियत भरी हो जाती है,इसलिए ट्विस्ट होना चाहिए अक्सर ये बात सागर से सुनती थी, लेकिन हर बात को मजाक में लेने की सागर की आदत से दिया को बहुत डर लगता था.....कितनी बेफिक्री से बिना कुछ कहे 12 साल काट लिए लेकिन सागर के अंदर क्या तूफान चलता रहता होगा ये दिया से बेहतर कोई नहीं जानता था...और अब भी मिलने पे वही ख़ामोशी वही बेफिक्री.....तीसरी मुलाकात फिर उसी कॉफी शॉप में हुयी....
सुनो ,दिया बोली ...
हूँ ..बोलो.. मेनू कार्ड को बेकार में पलटते हुए सागर ने जवाब दिया,
कुछ नहीं ...दिया के सवाल अंदर ही दम तोड़ गए...हमेशा सोचती थी कि अगर कभी मिले तो ये पूछना है वो पूछना है....लेकिन कितना अजीब है न उसे मालूम था कि जब भी सागर से ये सवाल पूछूंगी वो आँखों में आँखे डाल के सिर्फ यही कहेगा ...तुम्हे सारे सवालों के जवाब पता तो है..मुझको मुझसे बेहतर जानती हो ....लंबी ख़ामोशी इस बार सागर ने तोड़ी..
हम लोग यार कितना सीक्रेसी मेंटेन कर गए थे हा हा हा पूरी दुनिया में किसी को अंदाजा भी नहीं हो पाया आज तक कि कभी हम कितना करीब थे.....हूँ..दिया ने सर हिलाया और बोली अंदाजा तो हमें और तुम्हे भी नहीं था न सागर....जिस्म का कोई हिस्सा जब कभी अलग हो जाता है तभी उसकी कीमत पता चलती है.............हूँ... चलो यार छोडो अब ये सब प्रेक्टिकल बात करो ....सागर की इस बात को सुनकर दिया खिड़की से बाहर देखने लगी और बोली....
प्रेक्टिकल बात ये है कि अब कहीं कुछ नहीं बचा और न ही बचा होना चाहिए....और तुम साफ बात नहीं बोलते लेकिन मैं बोलती हूँ तो बस एक प्रॉब्लम हो गयी है सागर ..अचानक से लाइफ में एक ऐसा अहसास आ गया जो बहुत अजीब फीलिंग है ..कुछ बेहतर सा लगता है अगले दिन का इंतजार रहता है...सुबह उठ के पत्तों पे ओस की बूंदे अच्छी लगती है...चिड़ियों की आवाज....अप्रैल का ये मौसम...सब कुछ कुछ नया नया और बेहतर...ये गलत बात है या सही मैं नहीं जानती...लेकिन तुमसे मिलने की बात सोचते ही एक अजीब सी ख़ुशी के साथ साथ एक अजीब सी गहरी उदासी छा जाती है मन में......बच्चे और पति सवाल करते है कि अब बात बात पे भड़कती नहीं हो इतना ज्यादा सॉफ्ट कैसे हो गयी ......ये चेंज क्यों है सागर.....ये चेंज नही है दिया....कहीं कुछ रह गया था अंदर मन के कोने में ..जो खत्म नही हो पाया था.....सब कुछ पाने के बाद भी कुछ रह गया जिंदगी में ....ये सोच इंसान को एक आस बंधा के रखती है...अपनी अपनी दुनिया में खुश रहो क्योंकि उदासी की कोई बजह नहीं है....सागर के सपाट जवाब की दिया को पूरी उम्मीद थी.....सामने बाले को टेंशन फ्री करके खुद अंदर ही अंदर तूफानों से लड़ने की उसकी आदत से वो बाक़िफ़ थी.....
सागर का मन तो कर रहा था कि चिल्ला चिल्ला के कह दे कि नहीं हो पा रहा यार कंट्रोल...मेरे साथ ही क्यों ऐसा किया किस्मत ने....लेकिन सागर जानता था अगर उसके सब्र का बांध टूटा तो दिया एक मिनट भी बर्दाश्त नहीं कर पाएगी.......दिया की तरफ देखते हुए बोला...अब तो दोस्त बन के भी नहीं रह सकते न.....दिया बोली...हूँ...क्योंकि दोस्त ही तो थे सब यही समझते रहे खुद हम भी...........यार वो क्या ड्रीम था तुम्हारा बड़ी हँसी आती है सोच कर....दिया ने एकदम से टॉपिक चेंज किया....
हा हा हा अरे यार 18 साल पुरानी हो गयी वो बात तब तो बाकई में हम सिर्फ दोस्त थे...हाँ और फ्रेंडशिप का लेबल देखिये साहब कि तुम्हारा ड्रीम था कि हम दोनों अकेले में "हम दिल दे चुके सनम' मूवी देखे ......हा हा हा हा अब सागर की हँसी खुल के बाहर आई........और दूसरा भी याद है न
नीली इंडिका कार लेंगे और शाम को हलके अँधेरे में बारिश के टाइम लॉन्ग ड्राइव पे जाएंगे और तुम्हारे लंबे बाल खुले होके एसी के फैन की बजह से उड़ के मेरे चेहरे पे आ रहे होंगे.....ह्म्म्म्म्म्म........6 साल तक कितनी बार डिस्कस किया हम दोनों ने उस सपने को.....लेकिन कुछ सपने ....वक्त के साथ साथ उदास से होते जाते हैं.....अब इनको पूरा करने की कोशिश बेहद उदासी भरी होगी............फिर तुमने अपनी पहली कार किस कलर की ली थी....दिया ने पूछा.....छोडो यार लेकिन ब्लू कलर की नहीं थी.....ब्लू तो जैसे गायब ही हो गया लाइफ से....गायब कुछ नहीं होता बस हम देखते नहीं है दिया ने हलकी आवाज में कहा.....जो सपने जो चीजें जो ख्वाहिशें दो लोगों ने इकठ्ठा होके देखी हों वो अकेले कैसे नज़र आएगी भला.........ह्म्म्म्म्म्म अब नज़र आ गयी होगी दिया बोली...........हाँ ....सागर ने गहरी सांस लेके जवाब दिया....दिल बैठ गया दिया का ये बात सुनकर.....ये नहीं होना चाहिए यार....हाँ मुझे मालूम है सागर ने कहा तुम चिंता मत करो हम दोनों काफी मेच्योर है हैंडल कर लेंगे कि सब खत्म ही रहे....चलो ऑफिस के लिए जाना होगा तुमको देर हो रही होगी..दिया बोली.....देर तो हमेशा हुयी मुझसे यार, दिया....हमेशा लेट हो गया मैं तो हर जगह...चलो तुमको ड्राप कर दूँ सागर ने कहा ....नहीं यार मैं चली जाउंगी तुमको तो उल्टा रुट पड़ेगा ......हा हा हा आपके साथ एक पल की ड्राइव के लिए हम सारी उम्र उल्टा रूट लेते रहे मैडम...हा हा हा दोनों की हँसी साथ निकली ,उदासी अंदर ही कही थी अभी.....चुप रहो.....चुप ही तो रहे यार नहीं तो आज तुम इस वक्त मेरे घर पे वाशिंग मशीन चलाने के साथ साथ लंच की प्लानिंग कर रही होती..सागर ने अपने सीरियस अंदाज में कहा.....और तुम यहाँ किसी के साथ कॉफी पी रहे होते हँसते हुए दिया बोली लिस्ट भी तो काफी लम्बी थी तुम्हारी हा हा हा ............चलो बस यहीं ड्राप करो नहीं तो किसी ने देख लिया तो फालतू की टेंशन.....ओके बाय.......सीढ़ियों को चढ़ के जब घर पहुंची दिया तो जिन्दगी में काफी टाइम बाद बहुत रिलैक्स फील कर रही थी....ठीक है या गलत नहीं पता लेकिन ................आँख बन्द करके बैठी सोफे पे कि व्हाट्स एप पे मेसेज आया सागर का ..यार कार में तुम्हारा कुछ सामान रह गया है शायद......अरे यार वो गाजर के हलवे का डिब्बा था तुम्हारे लिए था खा लेना.......रिप्लाई करने के बाद पता नहीं क्यों दिया को लग रहा था कि बहुत कुछ कहीं रह गया आज.......

सोमवार, 6 जनवरी 2014

साहित्यिक मधुशाला - हाइकु कार्यशाला

शीर्षक १. आशा-निराशा

आशा है मुझे
आसमान पाउँगा
तुम साथ हो
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निराश ना हो
मैं साथ नहीं तेरे
जीवन जियो



शीर्षक २. पाप-पुण्य

पाप किया है
जलूँगा अब सदा
ये कैसी सजा

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पुण्य किये थे
दो पल को मिला था
साथ तुम्हारा

शीर्षक ३. अच्छा-बुरा..

अच्छा ख्वाब था
तुम्हारा वो प्यार
जाने क्यूं टूटा
-------------
बुरा नहीं है
आपका हर गम
प्यारा है मुझे

शुक्रवार, 27 दिसंबर 2013

चाँद

तुम चाँद हो
तुम तक पहुंचू
कोशिश मेरी 



तुमको पाना
कोशिश ऐसी जैसी
सीढी से चाँद

उदास ना हो
चाँद दूंगा मैं तुम्हे
तुम्हारा ही है


स्पर्श

स्वप्न हो तुम
डरता हूँ स्पर्श से
चले जाओगे



असीम शान्ति
अन्तहीन वेदना
अनूठा प्रेम



छू ही लूं तुम्हे
विलीन हो जाओगे
जी ही लूं तुम्हे



मन विकल
अंतिम स्पर्श तेरा
कैसा ये पल
 
 



धोखा नहीं मैं
सच तेरे दिल का 
खुद से पूछो

 

बुधवार, 18 दिसंबर 2013

हाइकु प्रतियोगिता " आँसू "


दुख के साथी
सूख गये बहके
खोजूँ मैं आँसू

दिखते नहीं
कुछ उदास आँसू
जीवन भर

साहित्यिक मधुशाला - हाइकु कार्यशाला 18 dec 2013

कालरात्रि है
अनन्त अजर है
ये दिवा स्वप्न

 सब बिछड़े
जीवन संध्या साथी
मेरे सपने

मंगलवार, 10 सितंबर 2013

किसने दुनिया है खोई

जीवन की अंतिम बेला से पहले एक बार मैं आऊंगा
तेरे सारे शिकवे सुन के ही इस दुनिया से जाऊंगा 
तेरे अधरो की खामोशी,दिल की धड़कन औ मदहोशी
इन सब के इल्‍जामों सुन के ही सुख से मर पाऊंगा
सब कहते है तुम रहती हो खोई खोई
कोई ना जाने तुमको खो के किसने दुनिया है खोई