हाइकु कविता , कविता ,ग़ज़ल, कहानी
शुक्रवार, 14 जून 2013
माँ का आँचल
तपते जीवन में
ओस की बूंदे
छुआ आकाश
छूट गयी धरती
मौन रुदन
वो कलाकार
कंगाल है जीवन
कला की मौत
रविवार, 9 जून 2013
अपराधबोध
तुम क्यों नहीं हो मेरे साथ
माना कि मैं
नहीं निरपराध
मगर
सजा और भी कुछ हो सकती थी
मन छोटा नहीं था
मेरा अपराध
लेकिन
ये अलगाव
जितना दर्द भरा
उससे ज्यादा दर्द भरा ये अहसास
तुम तिल तिल कर जल रहे होगे
क्यों कि
तुम भी नहीं हो मेरे साथ
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