बुधवार, 18 दिसंबर 2013

साहित्यिक मधुशाला - हाइकु कार्यशाला 18 dec 2013

कालरात्रि है
अनन्त अजर है
ये दिवा स्वप्न

 सब बिछड़े
जीवन संध्या साथी
मेरे सपने

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें