शुक्रवार, 27 दिसंबर 2013

चाँद

तुम चाँद हो
तुम तक पहुंचू
कोशिश मेरी 



तुमको पाना
कोशिश ऐसी जैसी
सीढी से चाँद

उदास ना हो
चाँद दूंगा मैं तुम्हे
तुम्हारा ही है


स्पर्श

स्वप्न हो तुम
डरता हूँ स्पर्श से
चले जाओगे



असीम शान्ति
अन्तहीन वेदना
अनूठा प्रेम



छू ही लूं तुम्हे
विलीन हो जाओगे
जी ही लूं तुम्हे



मन विकल
अंतिम स्पर्श तेरा
कैसा ये पल
 
 



धोखा नहीं मैं
सच तेरे दिल का 
खुद से पूछो

 

बुधवार, 18 दिसंबर 2013

हाइकु प्रतियोगिता " आँसू "


दुख के साथी
सूख गये बहके
खोजूँ मैं आँसू

दिखते नहीं
कुछ उदास आँसू
जीवन भर

साहित्यिक मधुशाला - हाइकु कार्यशाला 18 dec 2013

कालरात्रि है
अनन्त अजर है
ये दिवा स्वप्न

 सब बिछड़े
जीवन संध्या साथी
मेरे सपने