शुक्रवार, 2 अगस्त 2013

तारे रोते हुए

एक तपिश
आती जाती हवा में 
बदन को छुए 
दूर कही सरहद पे
लाशो के गुमनाम ढेर
जलते हुए…….
खाली आँखों में पले    
जीवन के सपने
आंसुओ से खाली हुए
लगते है जैसे 
दूर कही आसमां में 
कुछ तारे रोते हुए,..........




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