हाइकु कविता , कविता ,ग़ज़ल, कहानी
शुक्रवार, 2 अगस्त 2013
इंतजार
नदी किनारे
बरगद की शाखें
कितनी प्यासी
ओस की बूंदे
पत्तियों पे ठहरीं
बाट जोहतीं
झूले तो पड़े
उनको खाली देखा
आंसू आ गिरे
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