हाइकु कविता , कविता ,ग़ज़ल, कहानी
सोमवार, 22 जुलाई 2013
- दिशाहीन -
दिशाहीन मै
बुलाती सूनी राह
मौत की ओर.
जीवनसंध्या
सोचते रहे बस
क्या बीत गया
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